प्रार्थना

हे प्रभो तेरी कृपा से, ज्ञान बल हम पा सके,
सद्गुणों से पूर्ण होकर, देश ऊंचा कर सके

सूर्य सा हम तेज पाए, चंद्रमा सी मधुरता,
पृथ्वी सी हो सहनशक्ति, शुभ्र जल सी स्वच्छता,
वायु सी गति हो हमारी, लक्ष्य तक पहुंचा सके,
सद्गुणों से पूर्ण .....

ज्ञान तप से ही मिलेगा, कर्म से फल प्राप्त होगा,
कष्ट से साहस बढेगा, भक्ति से मन शांत होगा,
मुश्किलों के राह पर भी मुस्कुराते बढ़ सके,
सद्गुणों से पूर्ण .....

ज्ञान पा कर हम हमारे स्वार्थ में मदमस्त न हो,
शक्ति पा कर दुर्बलों को कुचलने में व्यस्त ना हो,
दुक्ख पीडिता बहुजनों को सुखद शांति दे सके,
सद्गुणों से पूर्ण .....

पुत्र है हम एक माँ के, एक अपनी सभ्यता,
वेश भाषा अलग है पर हृदय में एकात्मता,
विश्व को भी जोड़ने का मंत्र हम सिखला सके,
सद्गुणों से पूर्ण .....

हे प्रभो तेरी कृपा से, ज्ञान बल हम पा सके,
सद्गुणों से पूर्ण होकर, देश ऊंचा कर सके,
यह राष्ट्र ऊंचा कर सके, यह देश ऊंचा कर सके ।


- अशोक श्रीधर वर्णेकर

Comments

Popular posts from this blog

सुदिनम् सुदिनम् जन्मदिनम्

Man and the Nature