बुद्ध कि जय हो (गीत)

बुद्ध कि जय हो, बुद्ध कि जय हो।
तथागत प्रभु , बुद्ध कि जय हो॥धृ॥

शुध्दोधन सुत गौतम जय हो, मायादेवी नंदन जय हो।
बोधिवृक्षतल ज्ञानविजेता, तव चिंतन मे मन तन्मय हो॥१॥

काम-क्रोध-मद-मोह छोडकर, सुखशांती की सदा विजय हो।
सत्य-अहिंसा-बंधु भाव मे, लोभ-क्षोभ का पूर्ण विलय हो॥२॥

जरा-मृत्यु-पीडा का भय हर, मन सबका ही अब निर्भय हो।
चरणों मे तव नतमस्तक बन, यह जग सारा मंगलमय हो॥३॥

-अशोक वर्णेकर

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